रामकृष्ण परमहंस का भक्ति का परिणाम
कोलकाता आकर गदाधर पहले की तरह ही काली माता के मंदिर में दिनचर्या शुरू कर दिए ।अब भी…
कोलकाता आकर गदाधर पहले की तरह ही काली माता के मंदिर में दिनचर्या शुरू कर दिए ।अब भी वे पहले की तरह भक्ति किया करते थे ।इस नए दौर में उनकी कुछ नई स…
और पढ़ेंरामकृष्ण परमहंस के जीवन भक्ति के साथ आगे बढ़ रहा था।जब कोई उन्हें भेंट के रूप में चादर या कम्बल वगैरह कुछ देता तो वे उसे खुसी खुशी स्वीकार कर लेते।ल…
और पढ़ेंगदाधर की भक्ति को कुछ ही लोग समझ पा रहे थे लेकिन कुछ लोग इसे पागलपन का नाम दे रहे थे।मगर ऐसी किसी भी बात से गदाधर को कोई फर्क नहीं पड़ता था।वे तो अप…
और पढ़ेंहर इंसान के जीवन में जो घटनाएं होती है,वे दरअसल ईश्वर से मिला हुआ संकेत और मार्गदर्शन है। ईश्वर चाहता हे की इंसान के जीवन की अभिव्यक्ति को आकार मिले…
और पढ़ेंदक्षिणेश्वर के काली माता मंदिर के बगल में एक छोटा सा जंगल था। श्रीरामकृष्ण परमहंस प्रतिदिन वहां ध्यान करने जाते थे।दोपहर में जब मंदिर बंद किया जाता,…
और पढ़ेंगदाधर के बड़े भाई रामकुमार अपनी पत्नी के गुजरने के बाद कामार पुकुर गांव छोड़कर कोलकाता शहर में आ गए।वहां उन्होंने एक पाठशाला खोली और संस्कृत सिखाने …
और पढ़ेंहर इंसान अपने जीवन में प्रियजनों की मृत्यु का दुःख भोगता हे ! प्रियजन के मृत्यु की घटना कुछ लोगों के लिए आखें खोलने का काम करती है । हालांकि पहले पह…
और पढ़ेंएक दिन गदाघर अपने कुछ मित्रों के साथ खेतों में खेलने गए !उस समय उनके पास खाने के लिए कुछ चाबल थे ! बे दिनभर अपने मित्रों के साथ खेलने में मग्न थे !…
और पढ़ेंबंगाल के हुगली जिले के एक छोटे से गांव कामारपुकुर में रहने वाले खुदीराम और चंद्रमणि की राम मिलाई जोड़ी थी !बे दोनों भी प्रभु श्रीराम के बड़े भक्त थे…
और पढ़ेंकोलकाता आकर गदाधर पहले की तरह ही काली माता के मंदिर में दिनचर्या शुरू कर दिए ।अब भी…
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